अकाल कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग में नर्सिंग सम्मलेन का समापन 

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राजगढ़ (पवन तोमर/ब्यूरो चीफ)
आज अकाल कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग द्वारा बडू साहिब में ड्रेक्सेल यूनिवर्सिटी यू इस ऐ के सौजन्य से दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन का समापन हुआ देश भर के ३१ कालेजों के प्रतिभागियों ने इस सम्मलेन में भाग लिया। सम्मलेन के दूसरे दिन फॉरेंसिक नर्सिंग की बारीकियों को साझा करते हुए डॉ संगीत ढिल्लों, प्रोफेसर हेड डिपार्टमेंट फॉरेंसिक मेडिसिन ने बताया घाव की पहचान और सबूत संग्रह करने में फॉरेंसिक नर्स बेहद अहम भूमिका निभाती है। उचित रूप से चोटों का आकलन, दस्तावेज और बारीक व्याख्या करने में फॉरेंसिक नर्स बेहद सक्षम होती है। पैनल डिस्कशन में डॉ. सुरेश कुमार शर्मा राजस्थान से ,पंजाब से डॉ. रमन कालिया, उत्तर प्रदेश से डॉ. दीप्ति शुक्ला, गुजरात से डॉ. बिनु जो, पंजाब से डॉ. राकेश कुमार गोरिया ने फॉरेंसिक एन इस जी एग्जामिनेशन पर चर्चा की और साथ ही बताया फोरेंसिक नर्स को साक्ष्य का निरीक्षण, दस्तावेज और संरक्षित करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। कानूनी कार्यवाही में सहायता के लिए तस्वीरें लेना और घटना और चोटों का वीडियो बनाना भी फॉरेंसिक नर्स के लिए महत्वपूर्ण होता है। इटरनल विश्वविद्यालय के उपकुलपति एव कलगीधर ट्रस्ट बडू साहिब के अध्यक्ष डॉ. दविंदर सिंह ने अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन में आए सभी मेहमानों का धन्यवाद किया और बताया उम्र सिर्फ एक संख्या है, हमें मानवता और समाज सेवा को अंतिम सांस तक जारी रखना है। नर्सिंग एक आध्यात्मिक पेशा है, इस पेशे में जितना प्यार और करुणा का जस्बा होगा उतनी जल्दी रोगी रोगमुक्त होगा उन्होंने छात्रों को फॉरेंसिक नर्सिंग के पेशे को अपनाने पर ज़ोर डाला। उन्होंने बताया भविष्य में फॉरेंसिक नर्सिंग, नर्सिंग के क्षेत्र में एक अलग स्पेशलिटी बन कर उभरेगी। डॉ. नीलम कौर कलगीधर संस्था की मुख्य संचालक ने बताया फॉरेंसिक नर्स द्वारा एकत्रित किए सबूत, उनका अवलोकन बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। न्यायपालिका को फॉरेंसिक नर्स को विश्वसनीयता देनी चाहिए।

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