विकल्प सिंह ठाकुर (राजगढ़)
आसरा संस्था के प्रभारी जोगेंद्र हाब्बी ने प्रेस को जारी बयान में बताया कि संगीत नाटक अकादमी नई दिल्ली द्वारा जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में गवर्नमेंट गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल कोठी बाग में कला धरोहर कार्यक्रम के अंतर्गत लोक नृत्य पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में संगीत नाटक अकादमी नई दिल्ली द्वारा उस्ताद बिस्मिल्लाह खां युवा पुरस्कार से सम्मानित युवा कलाकार गोपाल हाब्बी ने हिमाचल के महासूवी क्षेत्र के लोक नृत्यों पर व्याख्यान तथा डेमो देकर यहां के लोक नृत्यों की मौलिक जानकारी दी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति को सुदृढ़ बनाने के प्रयासों के अंतर्गत कला धरोहर कार्यक्रम के माध्यम् से देश के विभिन्न विद्यालयों में प्रख्यात कलाकारों, गुरु तथा विद्वानों के द्वारा लेक्चर डेमो देकर, कार्यशाला का आयोजन तथा प्रदर्शनकारी कलाओं का प्रदर्शन किया जा रहा है। गोपाल हाब्बी ने अपने व्याख्यान में कहा कि शिक्षा के साथ-साथ जिस प्रकार खेल गतिविधियां विद्यार्थियों के लिए ज़रूरी हैं उसी प्रकार सांस्कृतिक गतिविधियों भी विद्यार्थियों के लिए अति आवश्यक है। हमारे लोक गीत, लोक नृत्य, लोक नाट्य हमारी संस्कृति के अभिन्न अंग हैं इसलिए इसका भी विद्यार्थियों को ज्ञान होना आवश्यक है और आज की युवा पीढ़ी अपनी संस्कृति से विमुख होकर पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव में आती जा रही है। कला धरोहर कार्यक्रम के माध्यम से अंतर्राज्यीय संस्कृति का आदान-प्रदान होगा है और हमें एक दूसरे राज्य की संस्कृति से रूबरू होने का अवसर मिलेगा।
इस कार्यशाला में लोकनृत्यों की जानकारी देते हुए विशेष रूप से नाटी के 4 रूपों के बारे में विद्यार्थियों को जानकारी प्रदान की गई। इंडिया व एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज करवा चुके सुविख्यात लोक कलाकार जोगेंद्र सिंह हाब्बी ने विद्यार्थियों को नाटी नृत्य के मौलिक अंदाज़ से अवगत करवाया गया और मौलिक नृत्य कदमों की जानकारी देकर विद्यार्थियों से नृत्य का अभ्यास करवाया। सरोज कुमारी ने छात्राओं को पारम्परिक पढ़ुंआं नृत्य से अवगत करवाया तथा लोक गायक रामलाल वर्मा व ढोलक वादक संदीप ने पारम्परिक गीतों से रूबरू करवाया।
इस दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में लगभग 100 से अधिक छात्राओं ने भाग लिया। कई छात्राएं नाटी नृत्य सीखने में कामयाब भी रहीं और उन्होंने सरोज कुमारी की अगुवाई में माला नृत्य, मुंजरा नृत्य व रासा नृत्य की प्रस्तुति भी दी। जोगेंद्र हाब्बी व गोपाल हाब्बी ने जिला सिरमौर के पारंपरिक परात नृत्य तथा सरोज कुमारी ने दीपक नृत्य की प्रस्तुति दी जिसका विद्यार्थियों ने भरपूर आनंद लिया । इस आयोजन में कला धरोहर के प्रभारी प्रवीण कुमार दुरेजा, संगीत नाटक अकादमी के अधिकारीगण तथा विद्यालय की प्रधानाचार्या नुसरत बुखारी सहित अध्यापकगण उपस्थित रहे। गोपाल हाब्बी ने राज्य से बाहर विद्यालयों में कार्यशाला के माध्यम से हिमाचली लोक नृत्य के प्रशिक्षण के लिए कार्यशाला में लोकनृत्य की जानकारी देने के लिए तथा प्रशिक्षण प्रदान करने का अवसर प्रदान करने के लिए संगीत नाटक अकादमी का आभार व्यक्त किया।
इसके अलावा हाल ही में भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा जिला भाषा अधिकारी शिमला अनिल हारटा के दिशा निर्देशन में शिमला जिला के दूरदराज क्षेत्र कुपवी में पारंपरिक बुढ़याच नृत्य पर आयोजित की गई कार्यशाला में गुरु पद्मश्री विद्यानंद सरैक, जोगेंद्र हाब्बी के साथ विलुप्त हो रहे हैं नृत्य पर भी कार्यशाला में भाग लेने लेकर इस नृत्य को बेहतर मंचीय प्रस्तुति के लिए तैयार करने का अवसर प्राप्त भी प्राप्त हुआ था।
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